इस पुस्तक का नाम है : गोरक्षसंहिता | इस पुस्तक के लेखक हैं : श्री जनार्दन पाण्डेय | पुस्तक का प्रकाशन किया है : अज्ञात | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 91 MB हैं | पुस्तक में कुल 477 पृष्ठ हैं |
Name of the book is : Goraksha Samhita. This book is written by : Shri Janardan Pandey. The book is published by : Unknown. Approximate size of the PDF file of this book is 91 MB. This book has a total of 477 pages.
पुस्तक के लेखक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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श्री जनार्दन पाण्डेय | भक्ति,धर्म | 91 MB | 477 |
नवनाथानां चतुरशीतिसिद्धानां च या नामावल्यः प्राचीनग्रन्थेषु दृश्यन्ते वासु प्रायः गोरक्षनाथस्य नामावलोक्यते । यथा महार्णवतन्त्रे, वर्ण रत्नाकरे, हठयोग प्रदीपिकायां, कौलावलीतन्त्रे, श्यामारहस्ये, सुधाकरचन्द्रि कादिषु च । यत्र च गोरक्षसिद्धान्तसंग्रहादिषु न दृश्यते नत्र गोरक्षनाथस्तदुपरिवर्ती साक्षादीश्वरसंतानरूपो वा महेश्वरावताररूपो वा स्वीक्रियते ।
यद्यपि नाथसंप्रदायस्य सर्वमपि दार्शनिकं तत्त्वं गोरक्षसिद्धान्तसंग्रहे विस्तरेण प्रतिपादितम् तथापि गोरक्षनाथेन तस्य यद्विशदीकरणं कृतं तत्तस्य रचनासु स्पष्टतया परिदृश्यते, विशेषेण सिद्धसिद्धान्तपद्धतौ ।
स च शिवस्तदानीं सगुण इत्युच्यते । यद्यपि सिसृक्षायां सत्यामेवेमौ शक्तिशिवौ कुलाकुलाख्यया द्वे तत्त्वे भवतस्तथापि तयोर्भेदो नैव मन्यते । उच्यते च शिवस्याभ्यन्तरे शक्तिः शक्तेरभ्यन्तरे शिवः ।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
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